आधा मतलब हाफ....हाफ तो समझते ही होंगे । तो आज बात करेंगे अपनी बिरादरी की माने डिग्री धारी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स की।
इंजीनियर तो ठीक है लेकिन ये आधा क्यों ? हाफ गर्लफ्रेंड फिल्म देखे हैं न ? उसी के माफिक लेकिन किस्सा थोड़ा उल्टा है इस बार........ उसमे थी नहीं लेकिन फीलिंग पूरी थी इधर डिग्री हांथ में होती है लेकिन फीलिंग नहीं , माने कॉलेज का पढ़ा लिखा सब गुड गोबर हो गया और वो टेक्नोक्रेट बनना अधूरी कहानी। क्या कहा आपने ....ये सच नही है ? हम बताये....भले ही आप आई आई टी से हो या यूपीटूयू से कोई फर्क नही पड़ता.... कटा सब का है। अफसोस जनक तो है लेकिन सत्य यही है। आपको मैकेनिकल की डिग्री वाला टीसीएस में इलेक्ट्रिकल वाला बैंक में या फिर सिविल इंजिनियर्स सिविल सर्विस में मिल जायेंगे लेकिन इंजीनियरिंग कही नही है माने आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास। ऐसा भी नही है हालत बुरी है झंडा हम इंजीनियर्स सभी जगह गाड रहे है, सिविल सर्विस , मैनेजमेंट, बैंकिंग, फाइनेंस तो पुराना था ही अब तो स्पोर्टस, फैशन, एक्टिंग, डाइरेक्टिंग और म्यूजिक सब जगह मिलेंगे । लेकिन ये हालत हुयी कैसे ? आधे कहेंगे इट्स अबाउट फालोइंग योर पैशन....अमा लेकिन एडमिशन के पहले इंजीनियरिंग ही तो था ना ...?
लेकिन वक़्त के साथ पैशन और कैरियर की जद्दोजहद में पलडा कैरियर के भारी हो गया।
भारतीय अर्थव्यस्था जो कभी कृषि प्रधान थी अभी अब सेवा क्षेत्र की और केन्द्रित हो रही है, इसमें हम इंजीनियर्स का बहुत योगदान है।
अधिकांश मने बहुतायत में अपने बिरादरी के लोगो का हाल ऐसा ही है। एक तो बेमन से कॉलेज की पढाई से आधा पौने कुछ सीखे फिर सोचा सब यही कर लिया तो आगे क्या करेंगे सो पास होने भर का जुगाड़ बनाते रहे । परीक्षा से पहले जगराते का प्रचलन तो आप जानते ही होंगे , गुरु वैसे बॉयज हॉस्टल में रात कभी नहीं होती शाम के बाद सीधे सुबह हो जाती है । शाम को सुबह करने का एक से एक इंतज़ाम तो होता ही है हॉस्टल में, माने पढाई लिखाई के अलावा सारा इंतजाम रहता है।
जब मनचाही ड्रीम जॉब नही मिली तो दूसरों के सपनों पे डाल दिया डाल दिया डाका आइ ए एस से ले के चपरासी तक कि नौकरी कर डालते है। उसके आगे तो आजकल कला और साहित्य को भी नही बक्सा कमबख्ततो ने आजकल आधे से ज्यादा नॉवेलिस्ट इंजीनियरिंग डिग्री धारी है. राजनीति की तो बात नही करिये चचा नीतीश से लेके केजरीवाल अंकल सब इंजीनीयर ठहरे। स्पोर्ट्स मे भी कई नाम मिल जाएंगे।
सो अगर आप भी आधे इंजीनियर हैं तो गर्व करे नासा ना सही देश की आशा भी तो आप ही हैं। जहाँ रहे मस्त रहें और कर्त्तव्य मार्ग पर डटे रहे ।
No comments:
Post a Comment